
सागर. हफसिली में बनाए गए इंसीनरेटर प्लांट में जल्द चिमनी इंस्टॉल कर दी जाएगी। यह भारी भरकम चिमनी ग्वालियर से सागर के लिए रवाना हो गई है। बताया जाता है कि एक हफ्ते में यह चिमनी प्लांट तक पहुंच जाएगी और उसे स्थापित करने का काम शुरू होगा। प्लांट तक चिमनी ले जाने के लिए पीडब्ल्यूडी सड़क की मरम्मत का काम करा रहा है। हालांकि पक्की सड़क के लिए टेंडर हो चुके हैं और एजेंसी भी फाइनल हो गई है। सड़क का निर्माण चिमनी के प्लांट पहुंचने के बाद शुरू किया जाएगा।
बायोमडिकल वेस्ट के निष्पादन को लेकर यह प्लांट ५ साल पहले मंजूर हुआ था, लेकिन बीच में कई विवादित स्थितियां बनने से यह प्लांट खटाई में पड़ गया था। दो साल से इसे शुरू करने की कवायद चल रही थी। पीसीबी, ग्रामीणों की मंजूरी सहित कई अनुमतियां मिल जाने के बाद प्लांट के भवन का काम शुरू कराया था। प्लांट का भवन तैयार होने के बाद इसके हैंडओवर में भी वक्त लगा। हालांकि अब यह प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है और पीडब्लयूडी ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है। अब सिर्फ चिमनी और अन्य उपकरण इंस्टॉल करना है।
-मॉनीटरिंग होगी आसान
शहर से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन अभी जबलपुर स्थित प्लांट में होता है। यहां से यह जैविक कचरा ट्रकों के जरिए दो दिन में भेजा जाता है। हालांकि इसकी मॉनीटरिंग नहीं हो रही है। लेकिन सागर में यह प्लांट स्थापित होने के बाद इसकी निगरानी की जा सकती है और जिले के अलावा आसपास के जिले भी बाायोमेडिकल वेस्ट के लिए बीएमसी से अनुबंध करेंगे।
हफसिली में इंसीनरेटर प्लांट के लिए चिमनी ग्वालियर से रवाना कर दी गई है। पीडब्ल्यूडी को चिमनी प्लांट तक पहुंचने के लिए सड़क की मरम्मत का काम कराने को कहा है। चिमनी व अन्य उपकरण के प्लांट पहुंचने के बाद एप्रोच रोड का काम शुरू होगा।
डॉ. जीएस पटेल, डीन बीएमसी
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