
टीकमगढ़.क्षेत्र के समर्रा, पौटेया और मातौली के साथ कई गांवों में खेत की मिट़्टी से रेत बनाई जा रही है। गांव में मिट्टी की रेत का भण्डार करके उप्र के साथ जिले के लोगों को बगैर पिटपास पर रेत बेची जा रही है। वहीं रेत के वाहन रबी फसलों में से निकाले जा रहे है। जिससे वह फसले वाहनों के टायरों से दबकर नष्ट हो रही है। इसके साथ ही राजस्व की भूमि को भी खोखला कर रहे है। इसके बाद भी खनिज और पुलिस विभाग मौन है।
खेतों की मिट्टी से रेत बनाने का कार्य जोरों पर चल रहा है। रेत को बनाकर गांव में ही भण्डारण किया जा रहा है। जहां १५ सौ रुपए में एक ट्रंाली रेत बेची जा रही है। यह रेत प्रधानमंत्री आवासों के साथ सीसी सड़क निर्माणों में उपयोग की जा रही है। जो थोडे ही समय में उखड़कर सीसी सड़क के साथ अन्य भवन टूट रहे है। दबंगों के कारण पीडि़त शिकायतें नहीं कर पा रहे है। पूर्व में थाना के उपनिरीक्षको द्वारा छापामार कार्रवाई की गई थी। जिसमें दबंगों के कारण खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था।
२२ रेत खदानों का हुआ ठेका, सिर्फ १ रेत खदान चालू
खनिज विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिले में २२ रेत खदानों का ठेका दिया गया है। जिसमें दांतगौरा की रेत खदान चालू हुई है। वहीं रेत खदानों को छोड़ जिले में सबसे अधिक खेतों की मिट्टी से रेत बनाई जा रही है। जो शहर के चारों के चोराहा और सड़कों पर ट्रैक्टर ट्रांली रखी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों के पठा, सिलामिती, समर्रा, अजनौर, पौटेया, श्यामपुरा, पातरखेरा, बजरंग खेरा, पनयारा, पठलाखेरा, नैनवारी, हनुमानसागर के साथ अन्य गांवों में रेत बनाई जा रही है।
इनका
मामले की सूचना खनिज विभाग में आई है। उनके द्वारा राजस्व की चोरी तो की ही जा रही है। इसके साथ ही खेत की मिट्टी से गुणवत्ताहीन रेत बनाई जा रही है। टीम बनाकर छापामार कार्रवाई की जाएगी।
प्रशांत तिवारी खनिज अधिकारी टीकमगढ़।
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