विश्व का एकमात्र सबसे बड़ा ढाई टन का पारद शिवलिंग, जो पी जाता है सोने का वर्क, प्रतिदिन होती है स्वर्ण आरती - Hindi And English Top Breaking news -LATEST NEWS AND BREAKING NEWS IN HINDI/ENGLISH

Papermag-smooth

Hindi And English Top Breaking news -LATEST NEWS AND BREAKING NEWS IN HINDI/ENGLISH Latest News and Breaking News in Hindi From India and Wrold Only at First Post Hindi English We Provide all News in Hindi English On Politics, Cricket, Sports, Bollywood, Crime, Business, Share Market, Celebrity, Health ,Youga , Shopping, travel and many more Subject. Hindi English News: पल-पल के हिंदी समाचार, देश- विदेश समाचार, Breaking News in Hindi, हिंदी ख़बरें, मनोरंजन और खेल ...

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Friday, February 7, 2020

demo-image

विश्व का एकमात्र सबसे बड़ा ढाई टन का पारद शिवलिंग, जो पी जाता है सोने का वर्क, प्रतिदिन होती है स्वर्ण आरती

Responsive Ads Here
ujj0807_5743230-m

उज्जैन. शिप्रा किनारे नृसिंह घाट पर बना विश्व का एकमात्र पारदेश्वर मंदिर अपने आपमें अनूठा है। महाकाल और हरसिद्धि मंदिर के समीप बने इस मंदिर में ढाई टन वजनी पारद शिवलिंग स्थापित है, जिसके दर्शन मात्र से ही समस्त पाप नष्ट होते हैं और मन को स्थिरता व शांति प्राप्त होती है। देश-विदेश के भक्तों का यहां हरदम जमावड़ा लगा रहता है। शिवरात्रि पर इनकी पूजा का विशेष महत्व है।

पारद शिवलिंग की स्थापना 2004 में हुई थी

सिद्धाश्रम के ढाई टन (25 क्विंटल) वजनी पारद शिवलिंग की स्थापना 2004 में हुई थी। इसे चीन से यहां लाया गया था। प्रतिदिन सुबह 9 बजे सार्वजनिक स्वर्ण आरती होती है। सिद्धाश्रम के प्रमुख स्वामी डॉ. नारदानंदजी महाराज ने बताया कि शिवलिंग पर सोने का वर्क रखा जाता है, जो आरती के दौरान देखते ही देखते गायब हो जाता है। यानी यह शिवलिंग सोने के उस वर्क को पी जाता है। यह सिलसिला सालों साल चलता रहेगा, एक दिन ऐसा आएगा जब यह स्वर्ण पान करना बंद कर देगा। उस दिन यह शिवलिंग पारद से पारस का बन जाएगा, अर्थात पूरा स्वर्णिम हो जाएगा।

पारे को अभिमंत्रित कर बना है यह शिवलिंग
सिद्धाश्रम के स्वामीजी के अनुसार पारे को अभिमंत्रित कर यह शिवलिंग बनाया गया है। पारे के शिवलिंग पर जब सोना रखा जाता है, तो वह उसे पी जाता है। यह वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित है। पारे में जब तय मात्रा में सोना इकट्टठा हो जाता है, तो वह सोना पीना बंद कर देता है और पारस बन जाता है, जिसे लोहे से रगडऩे पर लोहा भी सोना बन जाता है।

आश्रम में गूंजता है ओमकार नाद
मन की शांति के लिए आश्रम में ओंकारनाद का विशाल आकार वाला मेडिटेशन हॉल बना हुआ है। महाराजजी का कहना है कि पारद शिवलिंग के दर्शन के बाद इस हॉल में बैठकर ध्यान और ओमकार नाद करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।

विदेशी भक्त पूर्ण श्रद्धा से करते हैं भक्ति
इस आश्रम में अक्सर विदेशी भक्तों का आना लगा रहता है। अमेरिका, ब्राजील, बाली, वेनेजुएला सहित अन्य कई देशों के लोग यहां आते हैं और पूण्र श्रद्धा के साथ भक्ति में लीन होते हैं।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2SunIWm

No comments:

Post a Comment

हिमालय क्षेत्र में गर्म पानी के सोते भी कर रहे हैं बड़े पैमाने पर कार्बन उत्सर्जन

हिमालय क्षेत्र में विभिन्न तापमान और रासायनिक स्थितियों वाले लगभग 600 गर्म पानी के सोते कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन कर पर्यावरण को नुकसान ...

Post Bottom Ad

Pages