प्र्र्रमाेद साेनी/ उदयपुर . भक्तों को दर्शन देने के लिए श्रावण मास के अंतिम (sawan somvaar)सोमवार को नगर भ्रमण पर निकले(mahakal)महाकाल का शहरवासियों ने पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत किया। चांदी की पालकी में विग्रह स्वरूप में चले महाकाल का रास्ते में जगह-जगह उत्साह से स्वागत हुआ। भगवान महाकाल की शाही सवारी में कई चित्ताकर्षण झांकियां शामिल हुईं। (mahakal shahi savari)सवारी की अगुवाई नृत्य मुद्रा में डमरू ओर शंखनाद करते प्रथम पूज्य भगवान गजानंद ने की। शाही सवारी में 65 झांकियां शामिल हुई। महाकाल का गुलाब की पत्तियों और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।
नगर भ्रमण के दौरान विभिन्न स्थानों पर आरती, पूजा-अर्चना की गई। भगवान महाकाल की ओर से उनको नजराने भेंट किए गए। ईसाई, सिक्ख व मुस्लिम समाज, विप्र फाउण्डेशन, श्रीमाली समाज ने स्वागत किया। जगदीश चौक में श्रद्धालुओं ने उत्साह से महाकाल का स्वागत किया, जहां पर भगवान जगदीश व महादेव का मिलन हुआ। इस दौरान महाकाल को जगदीश की ओर से सुदर्शन चक्र व महादेव की ओर से जगदीश को त्रिशूल भेंट किया गया। इस दौरान भोलेनाथ के जयकारों से वातावरण शिवमय हो गया। मंदिर पहुंचने पर भगवान महाकाल की महा आरती की गई जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया।
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