
राजनांदगांव / अंबागढ़ चौकी. केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए ना जाने क्या-क्या प्रयास कर रही है। लेकिन आज भी ऐसा लगता है सरकार शिक्षा को लेकर गंभीर नही है और ना ही शिक्षा विभाग पर अपनी अच्छी पकड़ बना पाई जिसके चलते कही पर बच्चों को उच्च शिक्षा नही मिल पा रहा है तो कही पर स्कूलों से शिक्षक नदारद मिला करते है और यहां तक कि किसी शिक्षक के अश्लील हरकतों का शिकार छात्राओं कोहोना पड़ता है जिससे पूरे शिक्षा जगत को बार-बार शर्मसार होना पड़ा रहा है।
विधायक ने किया प्राथमिक शालाओं का निरीक्षण
वहीं वनांचल में कुछ जगहों पर शिक्षा का स्तर इतना खराब है कि उस स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक को देश के राष्ट्रपति व प्रदेश के राज्यपाल तक का ठीक से नाम पता नही है। ऐसे में सरकारी स्कूलों की उच्च शिक्षा की बातों पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है। हाल ही में जब मोहला-मानपुर विधायक इंद्रशाह मंडावी आकस्मिक निरीक्षण पर शासकीय प्राथमिक शाला भाठापारा, प्राथमिक शाला भनसुला और उच्चतर माध्यमिक शाला आतरगाव पहुंचे और छात्राओं का शैक्षिक स्तर का पता लगाने के लिए उनसे कई सवाल जवाब किए।
जवाब नहीं मिलने से चौके विधायक
विधायक शाह तब चौक गए जब यहां पर पढऩे वाले बच्चों व पढ़ाने वाले पदस्थ शिक्षकों को भी देश के राष्ट्रपति और प्रदेश के राज्यपाल का नाम नही बता पाए। जिस पर विधायक ने शिक्षकों को जमकर फटकार लगाई साथ ही ब्लाक शिक्षा अधिकारी को भी डाट लगाई और कहा कि इस तरह काम नही चलेगा शिक्षा में सुधार की जरूरत है। शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर किया जाए नही तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसी स्थिति में क्या सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवक्ता को अच्छा कहा जा सकता है कि इस स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को किस स्तर की शिक्षा दिया जा रहा है। अगर इस तरह शिक्षा का स्तर गिरता रहा तो हम कभी नही कह पाएंगे पढ़ेगा इंडिया तब आगे बढ़ेगा इंडिया।
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