शिवपुरी. जिले के बैराड़ में स्थित शासकीय विजयानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की मंगलवार दोपहर दीवार भरभरा कर गिर गई। मलबे में दबने से चार बच्चे घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए शिवपुरी लाया गया, जहां एक बच्चे की हालत गंभीर होने की वजह से उसे ग्वालियर रैफर किया गया है। बताया जाता है कि यह स्कूल पहले प्राइवेट था, जिसे कुछ साल पूर्व ही शासकीय दर्ज किया गया। जो दीवार ढही है उसमें स्पष्ट नजर आ रहा है कि खंडों को मिट्टी के साथ लगाकर दीवार बनाई गई, इतना ही नहीं छत की जगह स्कूल के हॉल में टीनशेडलगी हुई है। यह वो सवाल है, जिनके जवाब स्कूल प्राचार्य सहित जिम्मेदार अधिकारियों को भी देने होंगे।
वर्ष 1998 में बैराड़ के एक टीले पर बनाया गया विजयानंद स्कूल 20 साल तक प्राइवेट रहा और दो साल पूर्व ही इस स्कूल को शासकीय दर्जा दिया गया। इसके बाद स्कूल संचालक रामबाबू त्यागी ही विद्यालय के प्राचार्य बन गए। स्कूल के निर्माण की हकीकत आज उस समय सामने आई, जब दोपहर लगभग डेढ़ बजे स्कूल की एक दीवार भरभरा कर गिर गई। जिस कक्ष की दीवार ढही है, उसमें कक्षा 9 के 38 बच्चे पढ़ रहे थे। एकाएक दीवार गिरने से चार बच्चे उसकी चपेट में आकर खंडे-मिट्टी के साथ बाहर की ओर गिरकर मलबे में दब गए। स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में मिट्टी हटाकर बच्चों को बाहर निकलवाया। घायल बच्चों को बैराड़ अस्पताल लेकर गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद तीन बच्चों को शिवपुरी रैफर कर दिया। शिवपुरी में जिला अस्पताल लाने की बजाय तीन घायल बच्चों को एक निजी अस्पताल में लेकर गए। घायलों में से एक छात्र की हालत गंभीर होने पर उसे ग्वालियर रैफर कर दिया। घायल छात्रों में संदीप (16 ) पुत्र मेघ सिंह यादव निवासी पचीपुरा, अंकित (15) पुत्र राधेश्याम शर्मा निवासी बैराड़, आकाश (14) पुत्र ब्रजमोहन धाकड़ निवासी बैराड़ एवं शिवम (15) पुत्र बंटी बाथम शामिल हैं। सभी छात्रों के सिर में चोट आई है, जिसमें से शिवम का उपचार बैराड़ में चल रहा है, जबकि संदीप की हालत गंभीर होने पर उसे शिवपुरी से ग्वालियर रैफर किया गया है। घटना की सूचना मिलने पर पोहरी विधायक सुरेश राठखेड़ा भी घायल छात्रों को देखने अस्पताल पहुंच गए।
ऐसे ढही विजयानंद स्कूल की दीवार
मंगलवार की दोपहर कक्षा 9 की क्लास शिक्षक मुंशीराम वर्मा ले रहे थे। कक्षा में 38 बच्चे मौजूद थे, जो सभी टाटपट्टी पर बैठकर पढ़ रहे थे। इसी बीच लगभग डेढ़ बजे एकाएक दीवार व नीचे का फर्श ढह गया। चूंकि यह स्कूल टीलेनुमा जगह पर बना हुआ है तथा दीवार खंडे मिट्टी की होने से उसका बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिया। जो बच्चे दीवार की तरफ बैठे थे, उनमें से चार बच्चे मिट्टी-पत्थर के साथ बाहर की तरफ गिरकर दब गए। जिन्हें स्थानीय लोगों ने बमुश्किल निकाला। सूचना करने के आधा घंटे बाद नगर परिषद की जेसीबी मौके पर पहुंची। पहले यह चर्चा थी कि एक बच्चा लापता है, लेकिन बाद में पता चला कि वो मामूली रूप से घायल था, इसलिए घर चला गया। स्कूल के जिस कक्ष की दीवार ढही है, उस पर छत की जगह टीनशेड लगा हुआ था।
अगले सात दिन में हम पोहरी-बैराड़ क्षेत्र के सभी स्कूलों का स्थल निरीक्षण करवाएंगे तथा ऐसा स्कूल भवन यदि कोई मिलता है, तो संबंधित को उसे दुरुस्त करने के निर्देश देंगे। यह स्कूल शासकीय हुआ है या नहीं, इस बारे में तहसीलदार बता पाएंगे। इस मामले की भी हम जांच करवा रहे हैं।
मुकेश सिंह, एसडीएम पोहरी
स्कूल भवन में छत की जगह टीनशेड लगी थी तथा जो दीवार ढही है वो खंडों की थी। हमने नगर परिषद सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि यदि भवन की दूसरी दीवारें भी ऐसी कंडीशन में हैं तो उन्हें ढहा दिया जाए। साथ ही इस मामले की जांच भी की जाएगी। चार बच्चे घायल हो गए थे, जिनमें से तीन को शिवपुरी भेज दिया है।
रामनिवास धाकड़, तहसीलदार
यह स्कूल 2002 में शासकीय हो गया था, तथा दो साल पूर्व ही सुप्रीम कोर्ट से जीतने के बाद उसका पैसा जारी किया गया था। इस हादसे के पीछे क्या वजह रही, किन हालातों में स्कूल का संचालन हो रहा है। हमने इस घटना से जिलाधीश को भी अवगत करा दिया है।
हरिओम चतुर्वेदी, डीईओ शिवपुरी
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