
अजमेर. भू तल से एक फीट नीचे का कमरा और उसके अंदर बने गोदाम में एक से डेढ़ फीट बारिश के साथ गंदा पानी भरा हुआ, इसी पानी में डूबते नए कपड़े, कमरे में लगी तीन सिलाई मशीनों पर गॉज, पट्टियां और एप्रिन सिलाई करती करती महिला कार्मिक, पानी निकालने के लिए चलती मोटर से करंट का डर। ऑपरेशन (operation) थिएटर में काम आने वाले गॉज, कपड़े सभी गंदे पानी एवं गंदगी से संक्रमित होने का भय बना हुआ है।
संभाग मुख्यालय के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में बारिश के पानी के साथ दूषित व गंदे पानी की चपेट में आने से गॉज व एप्रिन आदि से संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इसमें पानी भरा होने से करीब एक हजार मीटर नया कपड़ा खराब हो गया। हालांकि इसे सूखाने का प्रयास किया जा रहा है।
8 घंटे तक पानी में पैर लटकाए सिलाई मशीन पर करती रहीं काम
अस्पताल (Hospital) के इस वस्त्र भण्डार से भी विभागों में मांग अनुसार एप्रिम, गॉज, पट्टियां, च²र आदि की आपूर्ति करने के लिए मंगलवार को भी तीन महिला कार्मिक, प्रभारी सहित एक पुरुष कार्मिक करीब 8 घंटे तक पानी में पैर लगटाए व खड़े होकर सिलाई व कार्य करते रहे, ताकि ऑपरेशन थिएटर में इनकी कमी से काम प्रभावित नहीं हो।
एक छोटी मोटर लगाकर पानी खाली करने का प्रयास
इस कमरे व गोदाम में भरे पानी को खाली करने के लिए एक छोटी सी मोटर लगाई गई, दो दिनभर चलने के बावजूद पानी खाली नहीं हो पाया।
यहां उपखण्ड अधिकारी को नहीं लाया गया
वस्त्र भण्डार के हालात से रू-ब-रू कराने के लिए कार्मिक शाम पांच बजे तक पानी में ही काम करते रहे। अस्पताल में उपखण्ड अधिकारी की ओर से निरीक्षण के दौरान उन्हें हालात बताने के लिए महिला कार्मिक, नर्सिंग प्रभारी आदि यहां लगातार काम करते रहे। जबकि इनकी छुट्टी दोपहर 2 बजे ही हो जाती है। यहां की प्रभारी नर्स ग्रेड प्रथम अधिकारियों तक पहुंची, वस्त्र भण्डार के हालात भी बताए मगर किसी ने भी वहां हालात देखने की जहमत भी नहीं उठाई।
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